AC Electricity Bill: भारत में सर्दियों के मौसम की शुरुआत होने वाली है और तापमान में कमी भी आजकल देखने को मिल रही है और आमतौर पर AC का इस्तेमाल भी आजकल कम सा हो गया है. वैसे गर्मियों में दिनभर AC चलता है तो बिजली का बिल भी काफी बढ़ जाता है, जो कि आम बजट के लिए एक चुनौती बन जाती है.
एसी की खपत और बिजली के बिल पर इसका प्रभाव
डेढ़ टन क्षमता वाले एसी आमतौर पर मीडियम साइज के कमरों के लिए सही होते हैं. यह उन घरों में नोर्मल है जहां गर्मी के दिनों में राहत पाने के लिए रात में एसी चलाया जाता है. लेकिन इसकी ऊर्जा खपत बिजली के बिल को काफी बढ़ा देती है.
बिजली बिल का हिसाब
अगर हम एक इन्वर्टर तकनीकी वाले 1.5 टन एलजी एसी का उदाहरण लेते हैं जो रोजाना 8 घंटे चलता है, तो यह शुरुआती घंटे में 700 वॉट ऊर्जा की खपत करता है, बाद के 4 घंटों में प्रति घंटा 500 वॉट और अंतिम 3 घंटों में 200 वॉट की खपत होती है. इस तरह कुल खपत लगभग 3.3 से 4 यूनिट प्रति दिन होती है, जिसका महीने के अंत में बिल पर काफी प्रभाव पड़ता है.
पुराने और नए एसी मॉडलों की खपत में अंतर
जहां नई तकनीक वाले एसी कम ऊर्जा की खपत करते हैं, वहीं पुराने मॉडल ज्यादा ऊर्जा की खपत कर सकते हैं, जो बिजली के बिल को और बढ़ा देते हैं. पुराने मॉडल का एसी अगर 8 घंटे चले तो 20 यूनिट तक खपत कर सकता है, जिससे बिल में काफी बढ़ोतरी हो सकती है.
बिजली खपत को कैसे कम करें?
- थर्मोस्टेट सेटिंग: एसी के थर्मोस्टेट को 24-25 डिग्री सेल्सियस पर सेट करें, जो ऊर्जा की बचत में मदद करता है.
- नियमित रखरखाव: एसी की नियमित सफाई और सर्विसिंग से इसकी कपैसिटी बढ़ती है और ऊर्जा की खपत कम होती है.
- एनर्जी सेविंग मॉडल: नए एनर्जी सेविंग मॉडलों का चयन करें जो मॉडर्न तकनीक से लैस हों और कम बिजली का उपयोग करते हों.